मध्य प्रदेश / जनगणना 2021 के पहले चरण के रूप में एनपीआर का काम 1 मई से, कोई दस्तावेज नहीं मांगा जाएगा

सीएए और एनआरसी को लेकर जारी देशव्यापी विरोध के बीच मध्यप्रदेश में राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) के अपग्रेडेशन का काम एक मई से शुरू हो जाएगा। यह 14 जून तक मकानों की गणना के साथ-साथ चलेगा। यह दोनों काम जनगणना 2021 के पहले चरण के रूप में होंगे। गृह विभाग ने इनका गैजेटेड नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। एनपीआर में वर्तमान पते पर आप कब से रह रहे हैं? पूर्व में आप और आपके माता-पिता कहां रहते थे? जैसे करीब 16 सवाल पूछे जाएंगे। लेकिन कोई दस्तावेज नहीं मांगा जाएगा।



वहीं, मकान सूचीकरण, उनकी गणना के तहत भवन स्वामी से 31 सवाल होंगे। इसके प्रोफॉर्मा में पेन नंबर, प्रॉपर्टी से जुड़ा कोई सवाल नहीं है, लेकिन परिवहन के लिए आप कौन सा वाहन इस्तेमाल करते हैं? यह जरूर पूछा जाएगा। इसके अलावा बेघर/ घुमंतु लोगों को संस्थागत परिवारों के रूप में पहली बार एनपीआर में दर्ज किया जाएगा। 


उल्लेखनीय है कि एनपीआर देश के निवासियों का एक रजिस्टर है। इसमें प्रत्येक नागरिक को अपना पंजीयन कराना अब कानूनी तौर पर अनिवार्य है। एनपीआर का काम दस साल बाद दूसरी बार होने से इसे अपग्रेडेशन करना बताया गया है। एनपीआर में ये अवश्य पूछा जाएगा कि आपके माता-पिता का कहां जन्म हुआ? उनकी राष्ट्रीयता क्या है? यह काम हरेक शहर में मकानों की मोहल्लावार सूची बनाने, गणना के साथ होगा।